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UPSC IAS Story: यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा में अच्छी रैंक लाने के बाद ही IAS की नौकरी मिलती है. इसके बाद उनके कामों के आधार पर अलग-अलग जगहों पर भेजा जाता है. ऐसी ही अभी एक IAS Officer को वेस्ट दिल्ली का DM/…और पढ़ें
UPSC IAS Story: इस IAS Officer को वेस्ट दिल्ली का DM/DC बनाया गया है.
हाइलाइट्स
- इस IAS Officer को पश्चिमी दिल्ली का DM/DC बनाया गया.
- इस विश्वविद्यालय से B.Tech और मास्टर डिग्री हासिल की हैं.
- UPSC की परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की हैं.
UPSC IAS Story: IAS की नौकरी तो हर कोई पाना चाहते हैं, लेकिन इसके साथ कई तरह की जिम्मेदारियां भी रहती है. इस पद पर नौकरी पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा में अच्छी रैंक लानी होती है. इसके बाद काम के अनुभवों के आधार पर अलग-अलग जिम्मेदारियां भी दी जाती है. अभी हाल ही में AGMUT कैडर की 2015 बैच की आईएएस अधिकारी वंदना राव (IAS Vandana Rao) को पश्चिमी दिल्ली का नया डिप्टी कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है. इससे पहले वे दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में डिप्टी कमिश्नर के रूप में सेवाएं दे रही थीं.
बी.टेक और मैनेजमेंट की कर चुकी हैं पढ़ाई
IAS वंदना राव दिल्ली के नजफगढ़ के कंगन हेरी गांव से ताल्लुक रखती हैं. उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक और पर्सनल मैनेजमेंट (Human Resource Management) में मास्टर डिग्री प्राप्त की हैं. कॉरपोरेट क्षेत्र में कुछ समय काम करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा को चुना और अपने तीसरे प्रयास में 2015 की यूपीएससी परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की हैं. वंदना का प्रारंभिक जीवन एक साधारण ग्रामीण परिवेश में बीता. उनके पिता हरिराम यादव दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर थे और उनके बड़े भाई एक शिक्षक हैं.
प्रशासनिक करियर की शुरुआत और अनुभव
राव ने अपने प्रशासनिक सफर की शुरुआत दिल्ली के करोल बाग ज़ोन में डिप्टी कमिश्नर के रूप में की. इसके बाद उन्होंने एमसीडी के सिटी-एसपी ज़ोन में कार्य किया. दिल्ली में प्लास्टिक कचरा मैनेजमेंट जैसे शहरी मुद्दों पर उनके काम को काफी सराहना मिली है. प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ वंदना राव शिक्षा क्षेत्र में भी एक्टिव हैं. वे “अध्ययन क्वालिटी एजुकेशन फाउंडेशन” के एडवाइजर बोर्ड की सदस्य हैं और देश भर में शिक्षा सुधार की पहल में योगदान दे रही हैं.
कंगन हेरी जैसे ग्रामीण इलाके से निकलकर राजधानी दिल्ली में नेतृत्वकारी पद तक पहुंचना वंदना राव के समर्पण, मेहनत और लगन का प्रतीक है. उनकी यह नियुक्ति उनके प्रशासनिक स्किल और जनसेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है. वंदना राव की यह उपलब्धि न केवल दिल्ली प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि उन युवाओं के लिए भी प्रेरणा हैं, जो ग्रामीण पृष्ठभूमि से आकर कुछ बड़ा करना चाहते हैं.
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