इंदौर में कोरोना के 8 एक्टिव केस: 2 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज भी मिले, एक की कोलकाता ट्रैवल हिस्ट्री – Indore News

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इंदौर में कोरोना के 8 एक्टिव केस:  2 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज भी मिले, एक की कोलकाता ट्रैवल हिस्ट्री – Indore News


इंदौर में गुरुवार को दो नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इनमें से एक मरीज की कोलकाता की ट्रैवल हिस्ट्री सामने आई है। इसके साथ ही इस साल अब तक इंदौर में कुल 17 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 10 मरीज इंदौर निवासी हैं। खास बात यह है कि

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इन 17 मरीजों में से 9 की ट्रैवल हिस्ट्री यूनाइटेड किंगडम (UK), केरल, अहमदाबाद, कोलकाता, मुंबई, गोवा, सूरत, उज्जैन आदि स्थानों से जुड़ी हुई है।

गुरुवार को मिले दो मरीजों में से एक 48 वर्षीय पुरुष है, जिसकी कोलकाता की ट्रैवल हिस्ट्री है। दूसरा मरीज 79 वर्षीय है, जो इंदौर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सीएमएचओ डॉ. बी.एस. सेतिया के अनुसार, अप्रैल माह में 4 और मई माह में 13 पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। इस तरह अब तक कुल 17 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से 10 इंदौर जिले के हैं और बाकी 7 अन्य शहरों से संबंधित हैं।

शहर में एक्टिव केस 8

वर्तमान में इनमें से 8 मरीज एक्टिव हैं और सभी होम आइसोलेशन में हैं। सभी मरीज असिंपटोमैटिक (बिना लक्षण वाले) हैं और उनकी हालत सामान्य है। सभी मरीजों के सैंपल वायरस के वेरिएंट की जांच हेतु भोपाल भेजे गए हैं।

फिलहाल, जितने भी कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं, उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। इन मरीजों को सामान्य सर्दी-खांसी की शिकायत थी, जिसके बाद उन्होंने प्राइवेट लैब में जांच कराई। जांच में हल्के लक्षण पाए गए। इनके संपर्क में आए लोगों के भी सैंपल लिए जा रहे हैं।

जानिए काेराेना के नए वैरिएंट के बारे में…

JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है​​​​​

JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।

JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

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MP में कोरोना जांच कम हो रही, जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं; भोपाल समेत प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को गाइडलाइन का इंतजार

कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे वायरस के लगातार हो रहे म्यूटेशन और दो नए सब-वैरिएंट का सक्रिय होना मुख्य कारण माना जा रहा है। हालांकि इसके बाद भी भोपाल समेत प्रदेश के कुछ बड़े शहरों में कोरोना को लेकर तैयारी और जागरूकता की कमी दिख रही है।

भोपाल में सरकारी अस्पताल संदिग्ध काेरोना मरीजों की जांच के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, उज्जैन में भी यही हालात हैं। किसी सरकारी अस्पताल में जांच नहीं की जा रही है। अधिकारियों को कहना है कि फिलहाल कोविड को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं मिली है। पूरी खबर पढ़ें…



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