रेलवे स्टेशन प्रबंधन को निजी हाथों में सौंपने की नीति अब और तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित गोमतीनगर रेलवे स्टेशन देश के उन गिने-चुने स्टेशनों में शामिल हो गया है, जहां संचालन और सुरक्षा छोड़कर लगभग सभी यात्री सुविधाएं अब निजी कं
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पूर्वोत्तर रेलवे का पहला पूरी तरह निजी सुविधा आधारित स्टेशन
गोमतीनगर स्टेशन को यह दर्जा रेलवे बोर्ड के एक हालिया आदेश के बाद मिला है। पूर्वोत्तर रेलवे का यह पहला स्टेशन है जहां इंटीग्रेटेड स्टेशन फैसिलिटी मैनेजमेंट सिस्टम (ISFMS) के तहत निजीकरण लागू किया जा रहा है। बोर्ड ने इस योजना में गोमतीनगर और चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को पहले चरण में शामिल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में उद्घाटन किए गए इस अत्याधुनिक स्टेशन पर अब रेलवे सिर्फ टिकटिंग और सुरक्षा जैसी कोर गतिविधियों को अपने पास रखेगा।
आरएलडीए को सौंपी गई जिम्मेदारी, निजी कंपनियों को सौंपे जाएंगे लाइसेंस
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक अनवर हुसैन ने इस संबंध में रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA), पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधकों को पत्र जारी किया है। आदेश के मुताबिक, अब RLDA यात्री सुविधाओं को चलाने के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित करेगा। इन कंपनियों को नौ साल के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा, जिसमें तीन साल का विस्तार विकल्प भी होगा।
आरएलडीए को इस प्रक्रिया से मिलने वाले लाइसेंस शुल्क का 15 प्रतिशत हिस्सा खुद के पास रखना होगा, जबकि बाकी 85% क्षेत्रीय रेलवे को ट्रांसफर किया जाएगा।
निजी हाथों में कौन-कौन सी सेवाएं जाएंगी…
रेलवे की ओर से साझा किए गए प्रारूप के मुताबिक, गोमतीनगर स्टेशन पर निम्नलिखित सुविधाओं का प्रबंधन अब निजी कंपनियों के जिम्मे होगा-
•स्टेशन परिसर की सफाई और कचरा प्रबंधन
•वेटिंग रूम, रिटायरिंग रूम और शौचालय
•खानपान स्टॉल, वेंडिंग जोन और जल सुविधा
•प्लेटफॉर्म पर डिजिटल सूचना प्रणाली
•यात्रियों की सुविधा से जुड़ी शिकायत निवारण प्रणाली
•स्टेशन के कॉमर्शियल स्पेस का प्रबंधन