गोरखपुर में 28 साल के युवक की संदिग्ध मौत: 10 दिन तक ढूंढ़ते रहे परिजन, पुलिस पर गंभीर लापरवाही के आरोप – Gorakhpur News

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गोरखपुर में 28 साल के युवक की संदिग्ध मौत:  10 दिन तक ढूंढ़ते रहे परिजन, पुलिस पर गंभीर लापरवाही के आरोप – Gorakhpur News



गोरखपुर के तिवारीपुर के सिधारीपुर में रहने वाले 28 साल के गुलजार की संदिग्ध हालात में हुई मौत ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शादी-ब्याह में रोटी बनाने का काम करने वाला गुलजार 7 मई की रात मोहल्ले के ही युवक अली के साथ निकला था

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गुलजार के परिजन 10 दिन तक उसे ढूंढ़ते रहे। इस दौरान गुलजार के मोबाइल पर कॉल करने पर फोन जीआरपी के एक सिपाही ने उठाया और बताया कि यह मोबाइल चोरी के आरोप में पकड़े गए अली के पास से मिला है। लेकिन गुलजार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। पुलिस की ओर से कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ, जिसके बाद परिजन तिवारीपुर थाने पहुंचे और गुमशुदगी की सूचना दी।

भाई ने जेल में अली से की मुलाकात

गुलजार का बड़ा भाई मेहताब जेल में बंद अली से मिलने गया। अली ने बताया कि 7 मई की रात गुलजार से आखिरी बार यातायात तिराहे पर मुलाकात हुई थी। इसके बाद उसका कोई अता-पता नहीं चला। परिजनों ने इलाके में जानकारी जुटाई तो पता चला कि 15 मई को एक अज्ञात शव मिला था, जिसे पुलिस ने लावारिस मानकर पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया।

कपड़ों से हुई पहचान, लेकिन नहीं दर्ज किया गया केस

परिजनों ने जब शव की फोटो और कपड़ों को देखा तो उसकी पहचान गुलजार के रूप में की। उनका आरोप है कि शव मिलने के बाद भी पुलिस ने न तो पहचान की कोशिश की और न ही हत्या की आशंका को गंभीरता से लिया। न कोई केस दर्ज हुआ और न ही परिजनों को सूचना दी गई।

मुख्यमंत्री जनसुनवाई के बाद दर्ज हुआ हत्या का मुकदमा

परिजनों ने जब मुख्यमंत्री के गोरखनाथ मंदिर स्थित जनसुनवाई कार्यालय में शिकायत की, तब जाकर 31 मई को कैंट थाने में अली के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ। इससे पहले पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

गुलजार का मोबाइल अब भी जीआरपी के कब्जे में है। परिजन अब तक शव की मांग कर रहे हैं ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके। उनका आरोप है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो शायद गुलजार की जान बचाई जा सकती थी।



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