बालाघाट में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर हुए इस आयोजन की अध्यक्षता प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश प्राणेश कुमार प्राण ने की।
.
जिले के बालाघाट, बैहर, कटंगी, लांजी और वारासिवनी में कुल 21 खंडपीठों का गठन किया गया। इन खंडपीठों में बैंक वसूली, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति, वैवाहिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण, जलकर और विद्युत चोरी सहित कुल 5413 प्रकरण रखे गए।
471 लंबित प्रकरणों को निपटाया गया
आपसी समझौते से 1383 प्रकरणों का निराकरण किया गया। मुकदमा पूर्व 912 प्रकरणों का 1.55 करोड़ रुपए में निपटारा हुआ। न्यायालय से रिफर 471 लंबित प्रकरणों में 3.28 करोड़ रुपए का अवार्ड पारित किया गया।
न्यायालयीन मामले से पूर्व के मामले मुकदमा पूर्व कहलाते हैं, जिसमें बैंक रिकवरी, विद्युत और जल कर के बिल, दंड आधारित आपराधिक प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण में तलाक, दीवानी प्रकरणों में आपसी लड़ाई या कोई शिकायत शामिल है।
जबकि लंबित न्यायालयीन मामले में मोटर यान दुर्घटना सहित अन्य वह प्रकरण, जो समझौते योग्य होते है। न्यायालय से पारित निर्णय पर अवार्ड को जुर्माना कहा जाता है, लेकिन जब समझौते के प्रकरण होते है तो उन्हें अवार्ड ही कहा जाता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश सतीश शर्मा ने कहा कि न्यायालय में लंबित मामलों के बोझ को कम करने में यह प्रयास सफल रहा है।
कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल, प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश गौतम सिंह मरकाम, द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीप नारायण सिंह सहित अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा बैंक, बीमा, पुलिस विभाग के अधिकारी और पैरालीगल वॉलंटियर्स भी उपस्थित रहे।


