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Research on Makhana: दरभंगा में राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र मखाना के विभिन्न भागों के औषधीय गुणों पर शोध कर रहा है. मखाना की जड़, तना, पत्ती और छिलके में औषधीय गुण पाए जाते हैं. इससे किसानों को बेहतर आमदनी …और पढ़ें
मखाना के औषधीय गुण
मखाना के विभिन्न भागों में औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसकी जड़ में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जबकि इसकी पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. मखाना के छिलके में फाइबर की उच्च मात्रा होती है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है.
राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.मनोज कुमार बताते हैं कि मखाना को जीआई टैग प्राप्त हुआ है, जिससे मिथिला क्षेत्र विश्व के मानचित्र पर विख्यात हुआ है. मखाना में पाए जाने वाले पौष्टिकता और औषधीय गुणों के कारण इसका पूरे विश्व स्तर पर प्रसार हुआ है.
मखाना के बहु-आयामी उपयोग
मखाना के बहु-आयामी उपयोग भी देखने को मिल रहा है. मखाने का बीज, पत्तियां, छिलका और अन्य भागों का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है. मखाने के छिलके में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो इसे औषधि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटक बनाता है.
भविष्य की संभावनाएं
राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र में मखाना पर अनुसंधान किया जा रहा है. संभावना है कि मखाने को होस्टिंग ना करके उसके अंदर के सफेद परत को निकालकर कई तरह की औषधि में उपयोग किया जा सकता है. इससे किसानों और व्यापारियों को बेहतर आमदनी होगी और मखाना की उपयोगिता बढ़ेगी. इस सुपर फूड पर पूरे विश्व में भारत का है एकाधिकार है राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों के द्वारा किया जा रहा है इसकी जड़, तना, पत्ती और छिलके को औषधीय उपयोग के लिए शोध जो मखाना किसान के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले… और पढ़ें