13 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
चेन-इन सिस्टम ठप होने की वजह से यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही घंटों बिताने पड़े।
यूरोप के तीन बड़े एयरपोर्ट्स पर साइबर अटैक हुआ है। इनमें लंदन का हीथ्रो एयरपोर्ट, जर्मनी का बर्लिन एयरपोर्ट और बेल्जियम का ब्रसेल्स एयरपोर्ट शामिल है।
साइबर अटैक के चलते शनिवार को इन एयरपोर्ट्स पर चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम ठप हो गए। इसकी वजह से कई उड़ानों में देरी हुई। साथ ही कुछ फ्लाइट्स को कैंसिल भी करना पड़ा है।
चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम ठप होने से यात्रियों को मैन्युअल तरीके से चेक-इन करना पड़ रहा है। इसकी वजह से फ्लाइट शेड्यूल पर असर पड़ा है।
शनिवार दोपहर तक हीथ्रो एयरपोर्ट से आने-जाने वाली 140 से ज्यादा उड़ानें लेट हुईं। ब्रसेल्स में 100 से ज्यादा और बर्लिन में 60 से ज्यादा फ्लाइट्स पर इसका असर पड़ा है।
ब्रसेल्स एयरपोर्ट के अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार रात को एयरपोर्ट के चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम से जुड़ी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी पर साइबर अटैक हुआ।

हीथ्रो यूरोप का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है। कई फ्लाइट्स कैंसिल भी करनी पड़ीं।
साइबर अटैक से भारतीय एयरपोर्ट सुरक्षित
यूरोप में हुए इस साइबर हमले का निशाना MUSE सॉफ्टवेयर था। भारत सरकार ने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन इसका कोई असर यहां नहीं दिख रहा है। भारत का एयरपोर्ट सुरक्षित है।
हैकर्स ने कॉलिन्स एयरोस्पेस कंपनी के सिस्टम को निशाना बनाया है। यह कंपनी इन एयरपोर्ट पर चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम की सुविधा देती है।
कॉलिन्स एयरोस्पेस की पेरेंट कंपनी RTX ने कहा है कि वे समस्या को जल्द ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। फ्रैंकफर्ट और ज्यूरिख जैसे यूरोप के बड़े एयरपोर्ट इस हमले से बच गए हैं।
अमेरिका में 1800 से ज्यादा फ्लाइट लेट, सैकड़ों रद्द
अमेरिका के डलास में भी दो एयरपोर्ट पर शुक्रवार को 1800 से ज्यादा फ्लाइट लेट हुईं। इन एयरपोर्ट्स पर टेलिकॉम सिस्टम में खराबी आई।
इसके चलते फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने ग्राउंड स्टॉप जारी किया। FAA ने बताया कि स्थानीय टेलिकॉम कंपनी के उपकरणों में खराबी आई है।
इस खराबी के चलते अमेरिकन एयरलाइंस ने 200 से अधिक उड़ानें रद्द कीं और 500 से अधिक उड़ानों में देरी हुई। साउथवेस्ट एयरलाइंस की भी 1100 से अधिक उड़ानों में देरी हुई।
————————–
ये खबर भी पढ़ें…
एक सॉफ्टवेयर अपडेट और 15 घंटे माइक्रोसॉफ्ट की सर्विस ठप:दुनियाभर में 4295 फ्लाइट कैंसिल, बैंक-स्टॉक मार्केट पर भी असर; ब्रिटेन में टीवी चैनल का प्रसारण रुका

अमेरिकी एंटी-वायरस कंपनी क्राउडस्ट्राइक ने पिछले साल 19 जुलाई को एक सॉफ्टवेयर अपडेट किया था। इसका असर माइक्रोसॉफ्ट पर पड़ा था। इसके चलते करीब 15 घंटों तक माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले करोड़ों कंप्यूटर ठप पड़ गए थे। पूरी खबर यहां पढ़ें…

