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Air India AI171 Plane Crash Investigation: अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच की सुई अब लंदन गैटविक की तरफ घूम गई है. गैटविक से मिले संकेतों के बाद एएआईबी की फोरेंसिक टीम ने हादसे की जगह का केमिकल एनालिसिस शुरू कर द…और पढ़ें
गैटविक से मिला नया क्लू… (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
- लंदन गैटविक से अहमदाबाद प्लेन क्रैश जांच में नए सुराग मिले.
- फ्यूल सिस्टम में कंटैमिनेशन की जांच की जा रही है.
- AAIB ने गैटविक हादसे से जुड़े सबूत अहमदाबाद क्रैश जांच में शामिल किए.
Air India AI171 Plane Crash Investigation: अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया एआई-171 प्लेन क्रैश मामले के जांच की सुई लंदन गैटविक की तरफ घूम गई है. ब्लैक बॉक्स क्षतिग्रस्त होने की वजह से अभी तक जरूरी डाटा रिट्रीव नहीं किया जा सका है. डाटा रिट्रीवल के लिए एयर एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB) ने अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) से मदद ले रही है. इसी बीच, एएआईबी को लंदन गैटविट से कुछ ऐसा मिल गया है, जो अहमदाबाद एयर क्रैश की गुत्थी को सुलझाने में मददगार साबित हो सकता है.
2020 में गैटविक हादसे में प्लेन ने 3580 फीट की ऊंचाई हासिल कर ली थी और तीन बार मेडे कॉल करने के बाद वापस लौटकर सुरक्षित लैंडिंग की थी. जांच में पाया गया था कि इंजन फेल होने की वजह फ्यूल सिस्टम में कंटैमिनेशन था, हालांकि इंजीनियरों ने टेकऑफ से पहले कोई खामी नहीं पाई थी. उस जांच में यह भी सामने आया था कि गैटविक टेकऑफ से पहले प्लेन ने तीन उड़ानें पूरी की थीं, जिनमें एक इंजन को शुरू करने में कई बार कोशिश करनी पड़ी थी और उड़ान के दौरान स्टॉलिंग के संदेश मिले थे.
गैटविक से उड़ान को हरी झंडी देने वाले इंजीनियरों ने इंजन की गहन जांच नहीं की थी, जिसके कारण कोई खराबी नहीं पाई गई. गैटविक एयरपोर्ट पर 2020 में हुई घटना की जांच करने वाली यूके की एयर एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB) अब अहमदाबाद प्लेन क्रैश मामले की जांच में शामिल है. चूंकि 2020 की घटना की जांच में फ्यूल सिस्टम में कंटैमिनेशन की बात सामने आई थी, लिहाजा AI-171 प्लेन क्रैश मामले की जांच को भी इसी दिशा की तरफ देखा जा रहा है. हालांकि अभी तक सैबोटेज की आशंका से इंकार किया गया है.
क्या प्लेन के फ्यूल में कंटैमिनेशन पाया गया?
सूत्रों के अनुसार, अगर इंजन विफलता का कारण ईंधन में कोई कंटैमिनेशन पाया गया, तो मेंटेनेंस रिकॉर्ड से यह पता चलेगा कि लापरवाही के चलते फ्यूल सिस्टम में कोरोजन हुआ. फ्यूल में कैंटैमिनेटेड पानी टेकऑफ में पावर लॉस की बड़ी वजह हो सकती है. कई बार यह तब तक पता नहीं चलता, जब तक प्लेन हवा में नहीं होता. उन्होंने बताया कि बोईंग 787 ड्रीमलाइनर में एडवांस पावर सिस्टम है. यह एक इंजन पर भी पर्याप्त दूरी तक सुरक्षित उड़ान भर सकता है. साथ ही, अगर दोनों हाइड्रॉलिक सिस्टम फेल हो जाएं, तो मैनुअल रिवर्जन सिस्टम की मदद से प्लेन को कंट्रोल किया जा सकता है.
सूत्रों के अनुसार, जांचकर्ता मलबे के महत्वपूर्ण हिस्सों का केमिकल एनालिसिस कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ईंधन में असामान्य स्तर के दूषित पदार्थ थे या नहीं. उन्होंने बताया कि विस्फोट और आग के कारण प्लेन के फ्यूल टैंक को काफी नुकसान पहुंचा है. फोरेंसिक इंजीनियरों ने जितना संभव हो, उतना प्रासंगिक मलबा इकट्ठा किया है, ताकि कंटैमिनेशन के निशान ढूंढे जा सकें.

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to …और पढ़ें
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