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नई दिल्ली. मेरठ मेट्रो देश की पहली ऐसी मेट्रो है, जो आरआरटीएस नमोभारत के ट्रैक पर दौड़ेगी. सामान्य तौर पर मेट्रो के लिए अलग से ट्रैक का निर्माण किया जाता है. पर यहां पर नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
मेरठ मेट्रो देश की पहली ऐसी मेट्रो है, जो आरआरटीएस नमोभारत के ट्रैक पर दौड़ेगी. सामान्य तौर पर मेट्रो के लिए अलग से ट्रैक का निर्माण किया जाता है. पर यहां पर नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.

मेरठ मेट्रो के स्टेशन पर स्लाइडिंग डोर लगे हैं, जैसे डीएमआरआरसी के राजीव चौक समेत कई स्टेशनों पर लगे हैं.

मेरठ में 23 किमी. का मेट्रो नेटवर्क में 13 स्टेशन बनाए गए हैं. इनमें से 10 स्टेशनों पर मेट्रो लूप लाइन पर रुकेगी और फिर आरआरटीएस की मेन लाइन पर आएगी.

इस मेट्रो में दोनों ओर वंदेभारत जैसी लगेज रखने की व्यवस्था की गयी है, जिससे यात्री आराम से सामान रखकर सफर कर सके. जबकि मेट्रो में सामान रखने की सुविधा नहीं होती है.

एयरपोर्ट एक्सप्रेस, आरआरटीएस जैसे इस ट्रेन में भी डिस्प्लेस सिस्टम लगा है.

इसमें बैठने के लिए 2.2 की सीट हैं, जबकि दिल्ली मेट्रो में केवल साइड में सीट लगी है. मेरठ मेट्रो में एक कोच में 72 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है और 144 लोग खड़े होकर सफर कर सकते हैं.

आरआरटीएस नमोभारत और एयरपोर्ट एक्सप्रेस जैसे गेट खोलने के लिए पुश बटन लगे हैं, यानी तभी खुलेंगे, जब आप पुश करोगे.

मेरठ साउथ से लेकर मोदीपुरम तक करीब 23 किमी. आरआरटीएस नमोभारत का ट्रैक है. नमोभारत मेरठ साउथ अंतिम स्टेशन तक केवल तीन स्टेशनों तक ही रुकेगी.

