Agency:एजेंसियां
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IAF MRFA Fighter Jets: भारत ने ₹1.66 लाख करोड़ की MRFA डील शुरू की है. इसके तहत 114 नए मल्टी-रोल फाइटर जेट्स खरीदे जाएंगे. रफाल, F-21 और सुखोई समेत कई दिग्गज कंपनियां दौड़ में हैं.
IAF MRFA Fighter Jets: भारतीय वायुसेना (IAF) अब अपनी ताकत को नई ऊंचाई देने की तैयारी में है. करीब ₹1.66 लाख करोड़ रुपए की लागत वाले 114 मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) प्रोजेक्ट के जरिए भारत एक साथ दो मोर्चों पाकिस्तान और चीन पर अपनी हवाई क्षमता को बेहद मजबूत करने जा रहा है. यह सौदा सिर्फ नए जेट्स की खरीद नहीं, बल्कि भारत के रक्षा ढांचे में एक “स्ट्रेटेजिक गेमचेंजर” साबित होगा.
दुश्मनों पर ‘दो मोर्चों’ की तैयारी- MRFA का मिशन क्लियर
MRFA यानी Multi-Role Fighter Aircraft प्रोजेक्ट को वायुसेना के रणनीतिक सिद्धांत के तहत तैयार किया गया है, ताकि भारत दो-फ्रंट वॉर (Two-Front Scenario) की स्थिति में भी पूरी तरह तैयार रहे. पुराने MiG-21 जैसे फाइटर्स के रिटायर होने के बाद MRFA जेट्स भारत की हवाई बढ़त को बनाए रखेंगे.
‘मेक इन इंडिया’ से जुड़ेगा दुनिया का सबसे बड़ा डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट
इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह ‘मेक इन इंडिया’ मिशन से जोड़ा गया है. इसके तहत चुने गए जेट्स का निर्माण भारत में ही होगा. इसमें HAL और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां शामिल होंगी. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विमान भारतीय हथियार प्रणालियों जैसे अस्त्र मिसाइल और ब्राह्मोस क्रूज़ मिसाइल से पूरी तरह संगत हों.
रफाल से लेकर F-21 तक, कौन बनेगा भारत का नया आसमानी योद्धा?
IAF की लिस्ट में 7 प्रमुख कंटेंडर्स हैं- रफाल F4 (फ्रांस), F/A-18 ब्लॉक III (अमेरिका), F-21 (अमेरिका), ग्रिपेन E (स्वीडन), यूरोफाइटर टाइफून (यूरोप), मिग-35 और सुखोई Su-35 (रूस). हर जेट अपनी खास तकनीक और रणनीतिक बढ़त लेकर आया है. उदाहरण के तौर पर, रफाल F4 में आधुनिक AESA रडार और ‘मेटिओर’ मिसाइल सिस्टम है, जबकि F-21 भारतीय जरूरतों के मुताबिक कस्टमाइज किया गया है. वहीं ग्रिपेन E में AI-सक्षम सेंसर और टोटल टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (ToT) का वादा है.
₹1.66 लाख करोड़ की डील- सिर्फ खरीद नहीं, रणनीतिक निवेश
यह सौदा केवल वायुसेना की शक्ति नहीं बढ़ाएगा, बल्कि भारत के रक्षा उद्योग को भी नई दिशा देगा. अनुमान है कि 12 से 18 महीने के भीतर सभी तकनीकी मूल्यांकन पूरे कर लिए जाएंगे. इसके बाद ‘मेक इन इंडिया’ के तहत जेट्स का प्रोडक्शन भारत में ही शुरू होगा, जिससे रोजगार और तकनीकी आत्मनिर्भरता दोनों को बल मिलेगा.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, …और पढ़ें
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