अन्नू मलिक बताते हैं, ‘बॉर्डर फिल्म की कहानी बिल्कुल अलग थी. मैं जिंदगी के अलग दौर से गुजर रहा था. जब मुझे जेपी दत्ता ने कॉल किया तो मैंने एक बहुत ही प्यारा सा लव सॉन्ग बनाय हुआ था. उन्होंने गाने को रिकॉर्ड कर लिया लेकिन उन्होंने कहा कि ये बॉर्डर के लिए नहीं है. फिर उन्होंने मुझे एक तस्वीर दिखाई. सेना के जवान बर्फ में गले तक ढंका हुआ था लेकिन उसका एक हाथ निकला हुआ था. वो सीमा पर तैनात है और दूर तक देख रहा है कि कोई दुश्मन हमारी सरहद की ओर नहीं आ रहा. उसका हाथ उठा हुआ है. मैं तस्वीर को देखकर रोने लगा. फिर जेपी साहब ने कहा कि ये आंसू ही संगीत बनाएंगे.’
अन्नू मलिक ने कहा, ‘अब मैं ‘संदेशे आते हैं’ की कहानी बताता हूं. यह गाना सिर्फ एक दिन में बना. मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई. मैं अपने सिटिंग रूम में बैठा हुआ था. कुछ और गाने बना रहा था. उन दिनों में बहुत बिजी चल रहा था. 90 के दशक की बात है. मैं गाने कर रहा था, शो कर रहा था. मेरे सितारे बुलंदियों पर थे. दिन में दो-दो गाने कर रहा था. अचानक से जेपी दत्ता आए. जावेद साह्ब अंदर आए. जावेद साहब ने मेरे म्यूजिक रूम की कुंडी बंद कर दी. जावेद साहब ने कहा कि पेन निकालो और मैं कुछ नैरेट करता हूं. वो शुरू हुए. संदेशे आते हैं, हमें तड़पाते हैं, ऐ गुजरने वाली हवा बता, मेरा इतना काम करेगी क्या, मेरे गांव जा…’ मेरे दिमाग में मैं सोच रहा था कि ये मुखड़ा किधर है. ये तो प्रोज लग रहा है, कविता तो इसमें है ही नहीं. एक कहानी है, चलती जा रही है. मैंने पन्ने देखे तो 15 पेज भर चुके थे. इससे पहले एक प्रोड्यूसर के साथ मैंने एक धुन गुनगुनाई थी. मैं उस धुन को यूं ही गाता रहता था. धुन बनाई और छोड़ दी, बस यही करता रहता था. कैसेट में रिकॉर्ड कर लेता था. जैसे ही मैंने ‘ऐ गुजरने वाली हवा बता..’ को लिखा तो मैं गुनगुनाने लगा.’
संगीतकार अन्नू मलिक ने आगे बताया, ‘बॉर्डर मूवी का यह गाना असल में यहीं से शुरू हुआ था. अचानक से जावेद साहब ने मुझे देखा और कहा ‘ये क्या गा रहे हो?’ और जैसे ही मैंने गाया ‘वहां रहती है मेरी बूढ़ी मां’ मैंने जैसे ही यह गाया, अचानक से मैंने धुन बनाई ‘संदेश आते हैं, हमें तड़पाते हैं, चिट्ठी आती हैं, वो पूछ जाती है..’. जेपी साहब ने मुझे देखा और जावेद साहब खड़े हो गए. जावेद साहब ने एक कैसेट उठाई और कहा कि क्या आप मुझे ऑटोग्राफ देंगे प्लीज.’
बॉर्डर फिल्म ने की थी तगड़ी कमाई
1971 में राजस्थान के जैसलमेर बॉर्डर पर लोंगेवाला युद्ध लगा गया था. भारतीय फौज के कमांडर मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी थे. बॉर्डर फिल्म की कहानी इसी युद्ध पर बेस्ड थी. फिल्म का बजट 12 करोड़ रुपये था. इस मूवी ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 66 करोड़ रुपये की कमाई की थी.

