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Rampur Famous Food: अगर कुछ मीठा खाने का मन हो तो इस बार बाजार की मिठाइयों को छोड़कर घर पर रामपुरी ज़र्दा बनाएं. इसमें प्यार भी होगा और स्वाद भी.. बरसात के इस मौसम में जब रिमझिम फुहारें पड़ रही हों तो रसोई में कुछ खास पकाने का मन जरूर करता है. ऐसे में रामपुर की शाही रसोई से निकली पारंपरिक मिठाई ज़र्दा एक बढ़िया विकल्प है.
बरसात की रिमझिम फुहारों के बीच जब कुछ खास खाने का मन हो तो रामपुर का ज़र्दा चावल एकदम सही ऑप्शन है. यह पारंपरिक मिठाई खाने में जितनी टेस्टी होती है. बनाने में भी उतनी ही आसान होती है.

रामपुरी ज़र्दा के लिए लंबे दाने वाले बासमती चावल को पहले साफ करके भिगोया जाता है. फिर इसे उबाल कर थोड़ा नरम रखा जाता है. ताकि पकाते वक्त दाने टूटें नहीं.

उबले हुए चावलों में देसी घी और चीनी डालकर धीमी आंच पर पकाया जाता है. घी की खुशबू और चीनी की मिठास चावल में अच्छे से समा जाती है.

ज़र्दा में खुशबू के लिए इलायची पाउडर डाला जाता है. अगर चाहें तो थोड़ी सी केसर भी भिगोकर डाल सकते हैं. इससे मिठाई और भी खुशबूदार बन जाती है.

ऊपर से कटे हुए बादाम, काजू, पिस्ता और किशमिश डालकर इसे सजाया जाता है. जब हर चम्मच में मेवे मिलें तो स्वाद का मज़ा ही अलग होता है.

रामपुर की नवाबी रसोई में त्योहारों और खास मौकों पर ज़र्दा ज़रूर बनता था. यह सिर्फ मीठा चावल नहीं बल्कि एक परंपरा है जिसे आज भी कई घरों में जिंदा रखा गया है.

जब बाहर बारिश हो रही हो और घर में ज़र्दा पक रहा हो तो उसकी खुशबू मन को सुकून देती है. बरसात में इसका स्वाद और भी लाजवाब लगता है.