10वीं में आसान पेपर पैटर्न से बढ़ा रिजल्ट प्रतिशत: स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन स्टडी भी की, शिक्षकों ने अपनाया नया टीचिंग मैथड – Ajmer News

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10वीं में आसान पेपर पैटर्न से बढ़ा रिजल्ट प्रतिशत:  स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन स्टडी भी की, शिक्षकों ने अपनाया नया टीचिंग मैथड – Ajmer News


राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) की 10वीं कक्षा का रिजल्ट इस बार पिछले साल की तुलना में बेहतर रहा है। 2024 में जहां पास प्रतिशत 93.03% था, वह इस साल बढ़कर 93.6% हो गया है। कुल बढ़ोतरी 0.57% रही है।

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एक्सपट्‌र्स के अनुसार, रिजल्ट में सुधार के कई कारण हैं। पेपर में मल्टीपल चॉइस प्रश्नों की संख्या बढ़ने के साथ पेपर पैटर्न भी सरल रहा। स्टूडेंट्स अब अधिक समझदारी से तैयारी कर रहे हैं और अपनी पढ़ाई की रणनीति बेहतर बना रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि स्टूडेंट्स अब फेल होने के डर से ज्यादा मार्क्स वाले चैप्टर पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। वे पहले से तय चैप्टर्स पर फोकस कर रहे हैं। कम मार्क्स वाले टॉपिक्स को कम प्राथमिकता दे रहे हैं।

टीचर्स भी अब नए टीचिंग मैथड अपना रहे हैं। पेपर में सीधे और स्पष्ट सवाल पूछे जा रहे हैं। स्कूल अपने रिजल्ट पर विशेष ध्यान दे रहे हैं और स्टूडेंट्स में कॉम्पिटिशन को बढ़ावा दे रहे हैं। इन सभी कारणों से ओवरऑल रिजल्ट में सुधार देखने को मिला है।

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पढ़ाई का पैटर्न बदला, स्टूडेंट्स को हुआ फायदा उदयपुर की सरकारी स्कूल में टीचर डॉ. सोनल कंठालिया का मानना है कि टीचर्स और पेरेंट्स में जागरूकता बढ़ी है। उनका कहना है कि वर्तमान में स्कूलों ने पढ़ाई का अपना पुराना पैटर्न बदला है। एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के चलते बच्चों में स्कूल जाने और पढ़ने में रुझान बढ़ने लगा है।

मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन की संख्या में बढ़ोतरी अजमेर के सरकारी स्कूल के टीचर सुनील जैन का कहना है कि रिजल्ट प्रतिशत में बढ़ोतरी का बड़ा कारण मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन की संख्या में बढ़ोतरी होना रहा है। साथ ही सभी सब्जेक्ट के पेपर इस बार नॉर्मल थे।

वस्तुनिष्ठ और अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न अधिक होने के कारण समझने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। साथ ही बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना भी बढ़ने लगी है। पहले से ही बच्चे तैयारी में जुट जाते हैं। इन सभी कारणों से परिणाम प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई।

टीचर्स और पेरेंट्स हुए जागरूक अजमेर की टीचर कामिनी गौड़ ने बताया कि वर्तमान समय प्रतिस्पर्धा का है और यह बच्चों को भी समझ आ गया है। टीचर्स और पेरेंट्स के साथ बच्चे भी जागरूक होकर मेहनत करने लगे हैं।

बोर्ड के पेपर का पैटर्न पिछले साल से आसान बीकानेर के पुनीत पारीक ने कहा कि अन्य सालों में राजस्थान बोर्ड का पैटर्न कठिन रहा था और ऐसे में टीचर्स और बच्चों ने तैयारी भी उसी के अनुरूप की थी। लेकिन, इस बार पेपर पैटर्न बहुत आसान रहा और इससे रिजल्ट प्रतिशत में सुधार हो गया।

पेपर में ज्ञानपरक और सूचना के आधार पर पूछे गए प्रश्न भी सरल थे। वहीं पाठ्यक्रम से पूछे गए प्रश्न जटिल नहीं थे। ऐसे में बच्चे अच्छा स्कोर कर पाए।

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