बेंगलुरु. कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर को एक पत्र लिखा. इसमें उन्होंने अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी देने से इनकार करने पर स्पष्टीकरण मांगा है. पत्र में प्रियांक ने कहा, “मैं 14-27 जून 2025 तक अमेरिका की अपनी निर्धारित आधिकारिक यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी देने से इनकार करने पर विदेश मंत्रालय से औपचारिक स्पष्टीकरण मांगने के लिए लिख रहा हूं.”
मंत्री खरगे ने कहा कि मंत्रालय की ओर से इनकार के कारणों को रेखांकित करने वाले किसी औपचारिक संचार के अभाव में इस प्रकार के भविष्य के कार्यक्रमों का आकलन और योजना बनाना कठिन हो जाता है. इससे प्रक्रिया की निरंतरता के बारे में भी चिंताएं पैदा होती हैं, खासकर जब दौरे आधिकारिक, क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण और राष्ट्रीय हित में हों.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक न केवल भारत बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र की तकनीकी राजधानी और विकास का इंजन है. यह नवाचार और स्टार्टअप्स में वैश्विक नेता के रूप में उभरा है, और सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और विनिर्माण, एयरोस्पेस, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और रक्षा उत्पादन में हमेशा अग्रणी रहा है.
खरगे ने कहा कि कर्नाटक की विशेष नेतृत्व क्षमता को देखते हुए, इतने महत्वपूर्ण आधिकारिक दौरे में मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधित्व की कमी एक बड़ा अवसर गंवाने जैसा है. इससे भारत की भागीदारी को और मजबूत करने, वैश्विक साझेदारों में भरोसा बढ़ाने और इन क्षेत्रों के प्रति हमारी गंभीरता दिखाने का मौका चूक गया. सबसे जरूरी बात, ऐसे दौरों में हिस्सा लेना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप है और यह प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ के बड़े विजन को सीधे समर्थन देता.
केंद्र सरकार द्वारा उनकी अमेरिका यात्रा की अनुमति न दिए जाने पर टिप्पणी करते हुए मंत्री प्रियांक खरगे ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि एनडीए सरकार कर्नाटक की सफलता को कमजोर करने का प्रयास कर रही है. पेरिस के दौरे से लौटने के बाद बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए प्रियांक खरगे ने कहा था कि ऐसा लगता है कि वह कर्नाटक की सफलता को रोकने की कोशिश कर रहे हैं.