कानपुर विकास प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी जोन-3 (OSD) के अजय कुमार पर रजिस्ट्री के नाम पर घूस मांगने का टीकरा एक लिपिक पर फूट गया। दैनिक भास्कर ने पहले ही सचेत किया था कि मामला खुलने के बाद अब अधिकारी छोटों को निशाना बना रहे हैं।
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ओएसडी ने अपना बचाव करते हुए लिपिक से जवाब तलब कर लिया और फिर प्राधिकरण के वीसी ने लिपिक अतुल सोनकर को निलंबित कर दिया। हालांकि वीसी ने कहा कि दोनों की जांच कराई गई है, जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित नीरज गुप्ता।
ओएसडी पर घूस का लगाया था आरोप
बताते चले कि बर्रा-2 निवासी नीरज गुप्ता ने बीते शुक्रवार को केडीए के ओएसडी अजय कुमार पर आरोप लगाते हुए एक 30 हजार की घूस की रकम की चेक काटकर जिलाधिकारी को दी थी। उनसे कहा था कि ये रकम ओएसडी के खाते में डाल दें और मेरे मकान की रजिस्ट्री करा दें, क्यों कि उनके द्वारा लगातार 30 हजार रिश्वत की मांग की जा रही हैं।
नीरज गुप्ता ने ये भी स्पष्ट किया था वो अपने पास फाइल बाबू के पास दे दी हैं और बार-बार उसी बाबू से मिलने के लिए कहते हैं, जबकि मेरे द्वारा कई बार उनको इस बाबत अवगत भी कराया गया, लेकिन ओएसडी की तरफ से कोई सुनवाई नहीं की गई।
जिलाधिकारी ने जांच के दिए थे आदेश
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस पूरे मामले की जांच केडीए सचिव को दी थी। शिकायत करते ही आनन फानन में ओएसडी ने लिपिक के खिलाफ लेटर जारी करते हुए उसी से जवाब तलब कर दिया और पूछा की मेरे कहने के बाद भी ये रजिस्ट्री क्यों नहीं हुई।
इसके बाद लिपिक अतुल सोनकर को उसी रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को निलंबित कर दिया गया। अब सवाल ये है कि ओएसडी की संज्ञान में पूरा मामला होने के बाद भी उच्च अधिकारियों ने लिपिक पर ही सारा टीकरा क्यों फोड़ दिया।
अभी जवाब आने के बाद होगी कार्रवाई
केडीए वीसी मदन सिंह गर्ब्याल ने कहा कि ओएसडी और लिपिक दोनों से जवाब मांगा गया है। दोनों लोगों के जवाब आने के बाद फिर आगे की कार्रवाई के लिए देखा जाएगा। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे प्रकरण में जिलाधिकारी ने वीसी से सात दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। अब देखना होगा कि जिलाधिकारी को दी जाने वाली रिपोर्ट में आखिर किसको क्लीन चिट दी जाती है और किसको दोषी माना जाता है।