चूरू पुलिस और एजीटीएफ ने शुक्रवार को हमीरवास में गैंगस्टर रोहित गोदारा व वीरेंद्र चारण के दो गुर्गों को यूएस आर्मी की दो पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपी देवकरण उर्फ देवा (निवासी लालासर) और विजय सिंह (निवासी चूरू) हैं। दोनों आरोपी बड़े
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आरोपी देवा और विजय से पूछताछ में खुलासा हुआ कि दोनों ने सीकर स्थित लक्ष्मणगढ़ के पते पर बने फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनवाया था। विजय फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भी जा चुका है। फिलहाल, दोनों किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में थे। इधर, शुक्रवार को राजगढ़ में एक व्यापारी ने गोदारा गैंग के महेन्द्र सारण के खिलाफ प्लॉट खाली करने के लिए धमकी देने का केस दर्ज करवाया है।
कोलकाता के दिलीप के नाम से पासपोर्ट बनवाकर विदेश भाग गया गैंगस्टर चारण पुलिस की कार्रवाई में खुलासा हुआ है कि गैंगस्टर वीरेंद्र चारण ने फर्जी पासपोर्ट बनवाया था। इसी पासपोर्ट पर चारण विदेश भाग गया। पुलिस ने चारण के ठिकाने पर दबिश दी तो फर्जी पासपोर्ट संबंधित कई दस्तावेज बरामद किए गए। फिलहाल, पुलिस ने सुजानगढ़ सदर में केस दर्ज कराया है। गौरतलब है कि वीरेंद्र ने कोलकाता के रहने वाले दिलीप रज्जाक के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था। वीरेंद्र चारण पर एनआईए ने 5 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा है।
विजय सिंह पर दो जिलों में 11 और देवा के खिलाफ 14 आपराधिक केस दर्ज
आरोपी विजय सिंह चूरू के सदर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ चूरू और झुंझुनूं में 11 प्रकरण दर्ज हैं, जबकि देवा कोतवाली थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ कोतवाली में 14 केस दर्ज हैं। दोनों आरोपी गैंगस्टर रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण के लिए काम करते हैं।
अब तक 50 बदमाश गिरफ्तार किए गए, 54 हथियार और 200 कारतूस भी जब्त एजीटीएफ ने धौलपुर में एके 47 जब्त की थी। इसे चूरू के बदमाश जीतू जोड़ी ने धौलपुर भेजी थी। इसके बाद एजीटीएफ और चूरू पुलिस ने गैंगस्टरों के खिलाफ अभियान शुरू किया। टीम ने जीतू जोड़ी के खेत से एक और एके-47 बरामद की है। चूरू में 48 केस दर्ज कर 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके पास से 25 ऑटोमेटिक पिस्टल, 13 देशी कट्टे, 16 बंदूक, 16 मैग्जीन और 200 से ज्यादा कारतूस बरामद किए गए हैं।
“गैंगस्टर्स ने चूरू और आसपास के क्षेत्र के युवाओं को पैसों का लालच देकर गैंग से जोड़ा है। गैंग स्थानीय बदमाशों से रेकी और फायरिंग करवाकर व्यापारियों को डराते थे। धमकी देने के बाद यहां के बदमाश पीड़ित से मिलकर समझौते के नाम पर रंगदारी वसूलते और उनकी जमीनें हड़प रहे थे। कुछ बदमाशों के नाम सामने आए हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।”
-एमएन दिनेश, एडीजी, क्राइम