पंचायत सचिवों ने सीईओ की शिकायत कलेक्टर से की है। वहीं, विधायक जगन्नाथ सिंह ने वीडियो कॉल के दौरान जुबान काटने की बात कही।
अशोकनगर के ईसागढ़ जनपद पंचायत में जिला पंचायत सीईओ राजेश जैन की ओर से जनप्रतिनिधियों पर अभद्र भाषा के इस्तेमाल के बाद विवाद गहराता जा रहा है। इसी को लेकर चंदेरी से बीजेपी विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी का एक वीडियो सामने आया है।
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किसी से वीडियो कॉल पर बात करते हुए वे कह रहे हैं- हमारे सांसद सिंधिया जी के खिलाफ कोई बोलेगा तो उसकी जुबान काट लेंगे। वे कह रहे है कि सीईओ ने समीक्षा बैठक में फोन कॉल को स्पीकर पर रखकर सांसद-विधायकों के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहे। यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने इसे जनप्रतिनिधियों का अपमान बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की।
बैठक छोड़कर जाते सीईओ की बदसलूकी से नाराज पंचायत सचिव और रोजगार सहायक।
सीएम से शिकायत, मुख्य सचिव से भी बात की विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी ने बताया कि उन्होंने मंगलवार शाम 4 बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की है। इस मामले में अखबार की कटिंग के साथ लिखित शिकायत की। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं।
इसके बाद मुख्य सचिव को पूरी जानकारी दी। विधायक ने बताया कि मुख्य सचिव ने कहा कि उन्हें कलेक्टर और मुख्यमंत्री से जानकारी मिल चुकी है, जल्द फैसला लेंगे।

जगन्नाथ सिंह ने सीएम से मुलाकात की फोटो ‘x’ पर शेयर की है।
पंचायत सचिवों-सहायकों की बैठक में CEO की कॉल दरअसल, सोमवार को ईसागढ़ जनपद में पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की बैठक चल रही थी। बैठक में एसडीएम और जनपद सीईओ मौजूद थे। इसी दौरान जिला पंचायत सीईओ राजेश जैन का जनपद सीईओ के पास फोन आया। उन्होंने फोन स्पीकर पर रखने को कहा।

बैठक से बाहर निकलते पंचायत सचिव और रोजगार सहायक।
चाहे किसी सांसद-विधायक का आदमी हो, जूते मारेंगे पंचायत सचिव भगवान सिंह यादव ने आरोप लगाया कि सीईओ ने गाली-गलौज करते कहा कि चाहे किसी सांसद या विधायक का आदमी हो, जूते मारेंगे। इस पर पंचायत सचिव और रोजगार सहायक बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल गए।

इसी मामले को लेकर विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी ने मंगलवार सुबह सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा, फिर शाम को उनसे मुलाकात की।
कलेक्टर बोले-जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई करेंगे इसको लेकर अशोकनगर कलेक्टर आदित्य सिंह ने कहा कि यह मामला हमारे संज्ञान में आया है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। हमारे टीम के लोग अगर गलत करते हैं तो हम अनुशासनात्मक कार्रवाई जरूर कर सकते हैं।

सीईओ राजेश जैन शहडोल में रहने के दौरान भी विवादों में घिरे थे।
जिला पंचायत सीईओ राजेश जैन पहले भी विवादों में रहे जिला पंचायत सीईओ राजेश जैन पहले भी विवादों में रह चुके हैं। शहडोल जिले में पदस्थापना के दौरान उनके कामों को लेकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ स्थानीय विधायकों ने भी विरोध दर्ज कराया था।
शहडोल जिले के तीनों विधायकों ने उनके खिलाफ शिकायत की थी। वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष कमल प्रताप सिंह ने भी सीईओ के रवैये पर नाराजगी जताई थी। जिला पंचायत सदस्यों ने धरना प्रदर्शन कर राजेश जैन को हटाने की मांग भी की थी।
लगातार विरोध और विवादों के चलते सितंबर 2024 में उनका तबादला शहडोल से मंदसौर कर दिया गया था। वर्तमान में वे पिछले तीन महीनों से अशोकनगर में पदस्थ हैं।

