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last film of Salim-Javed Duo: बॉलीवुड के दिग्गज लेखक सलीम खान और जावेद अख्तर ने साथ मिलकर बॉक्स ऑफिस पर कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं. इसके अलावा, उन्होंने कई सितारों की किस्मत भी संवारी, जिनमें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी शामिल थे. हालांकि, सलीम-जावेद की जोड़ी 1987 में टूट गई, और इससे पहले उन्होंने अनिल कपूर के करियर को एक नई पहचान दी थी.
नई दिल्ली. बॉलीवुड के दो दिग्गज लेखकों सलीम खान और जावेद अख्तर ने अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. सलीम-जावेद की जोड़ी ने मिलकर कई ऐसी फिल्में दीं जिन्होंने न सिर्फ अमिताभ के लड़खड़ाते करियर को फिर से संवारा, बल्कि उन्हें सुपरस्टार का खिताब भी दिलाया था.

लेकिन, कम ही लोग जानते हैं कि सलीम-जावेद की जोड़ी अलग होने से पहले, उन्होंने अनिल कपूर को एक ऐसी फिल्म दी थी जिसने उन्हें स्टार बना दिया. वह फिल्म थी ‘मिस्टर इंडिया’. जी हां, सलीम और जावेद 1987 में अलग हो गए थे. उनकी साझेदारी टूट गई थी.

वहीं, सलीम-जावेद की जोड़ी की आखिरी फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ थी, जिसकी कहानी दर्शकों को काफी पसंद आई थी. यह एक सुपरहीरो फिल्म थी, जिसमें खुद अनिल कपूर एक सुपरहीरो के किरदार में थे. सिनेमाघरों में इस फिल्म पर दर्शकों ने जमकर अपना प्यार लुटाया था.
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विकिपीडिया के अनुसार, इस फिल्म को बनाने में मेकर्स के लगभग 3.8 करोड़ रुपये खर्च हुए थे और फिल्म ने वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर लगभग 10 करोड़ रुपये की कमाई करने में सफलता हासिल की थी. इतना ही नहीं, यह फिल्म साल 1987 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनकर उभरी थी.

बता दें, ‘मिस्टर इंडिया’ का निर्देशन शेखर कपूर ने किया था और नरसिम्हा एंटरप्राइजेज के बैनर तले बोनी कपूर और सुरिंदर कपूर ने संयुक्त रूप से इसका निर्माण किया था. फिल्म कहानी और पटकथा सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखी थी, जो उनके अलग होने से पहले उनका आखिरी सहयोग था.

फिल्म में अनिल कपूर, श्रीदेवी और अमरीश पुरी मुख्य भूमिकाओं में थे. फिल्म कहानी की बात करें तो अनिल कपूर ‘अरुण वर्मा’ नाम के एक ऐसे शख्स की भूमिका में थे, जो अनाथ बच्चों की देखभाल करता है, लेकिन धीरे-धीरे उसकी आर्थिक स्थिति खराब होने लगती है.

एक समय ऐसा आता है कि अरुण के पास बच्चों को खाना खिलाने तक के पैसे नहीं बचते. वह कर्ज में डूब जाता है. ऐसे में वह अपने घर के एक कमरे को किराए पर देने का फैसला करता है, जिससे वह अपने कर्ज का भुगतान कर पाए.

पत्रकार सीमा साहनी (श्रीदेवी) उसके घर में रहने आती है, जिससे अरुण प्यार करने लगता है. सीमा भी अरुण और अनाथ बच्चों की मदद करने लगती है. इसी बीच, फिल्म मेन विलेन मोगैम्बो (अमरीश पुरी) भारत पर विजय पाने की योजना बनाने लगता है. इसके बाद, अरुण के हाथ एक ऐसी घड़ी लगती है, जिसे पहनते ही वह अदृश्य हो जाता है. इसके बाद क्या होता है, यह जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी.

