इस प्रोजेक्ट पर ₹123.36 करोड़ खर्च किए जाएंगे और इसे 24 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
गुजरात मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (GMRC) ने देश में पहली बार ऐसा प्रयोग किया है, जिसमें मेट्रो स्टेशन के ऊपर ही मकान और दुकानें बनाई जाएंगी। सूरत मेट्रो लाइन-2 में बन रहे एक्वेरियम और मॉडल टाउन मेट्रो स्टेशनों की छतों पर अफोर्डेबल हाउसिंग और कमर्शियल कॉम्
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यह एक बहु-स्तरीय विकास मॉडल है, जहां एक्वेरियम मेट्रो स्टेशन नीचे होगा और उसके ऊपर पोडियम फ्लोर पर सुविधाएं होंगी। इसके ऊपर EWS फ्लैट होंगे। मेट्रो स्टेशन की छत का उपयोग करके सरकार सस्ते आवास और शहरी बुनियादी ढांचे के विकास को एक साथ ला रही है। यह शहरी गरीबों को अच्छे आवास उपलब्ध कराएगा और भूमि का श्रेष्ठ उपयोग भी सुनिश्चित करेगा।
सात मंजिलों वाले प्रत्येक टावर में 6,125 वर्ग मीटर जगह आवंटित की जाएगी।
टाउन स्टेशनों पर EWS टावरों वाला डिजाइन तैयार एक्वेरियम और मॉडल टाउन मेट्रो स्टेशनों पर EWS होम टावर्स बनाए जाएंगे। दोनों स्टेशनों पर 2-2 टावर बनाए जाएंगे। प्रत्येक टावर में 7 मंजिलें होंगी और हर मंजिल पर 24 फ्लैट होंगे। प्रत्येक फ्लैट का आकार 76.65 वर्ग मीटर और कारपेट एरिया 44.98 वर्ग मीटर होगा। सीढ़ियां और लॉबी 345 वर्ग मीटर होगी।
सात मंजिलों वाले प्रत्येक टावर में 6,125 वर्ग मीटर जगह आवंटित की जाएगी। एक टावर में कुल 168 फ्लैट बनाने की योजना है। लिफ्ट ऐसी जगह बनाई जाएगी कि लोग फ्लैट से सीधे मेट्रो स्टेशन तक जा सकें। इसके अलावा, अगर कोई मेट्रो नहीं लेना चाहता है, तो पार्किंग की भी व्यवस्था है, जहां से लोग मेन रोड के जरिए शहर में जहां भी जाना चाहें, सीधे जा सकते हैं।
स्मार्ट सिटी और स्मार्ट ट्रांजिट से सूरत के विकास को गति मिलेगी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जहां डिजिटल, ग्रीन और टिकाऊ बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, वहीं स्मार्ट ट्रांजिट यानी मेट्रो, बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) को TOD मॉडल के साथ जोड़ने से शहर के विकास को गति मिलेगी। GMRC का यह कदम न केवल सूरत को देश भर में TOD के लिए रोल मॉडल बनाएगा, बल्कि भविष्य की योजनाओं की दिशा भी तय करेगा।
सूरत को एक नया मुकाम मिलेगा GMRC के योजना एवं प्रोजेक्ट विभाग के बताए अनुसार, ‘इस प्रोजेक्ट के साथ मेट्रो स्टेशन न केवल परिवहन का साधन बनेगा, बल्कि एक संपूर्ण शहरी केंद्र भी बनेगा।’ यह मॉडल देश के अन्य शहरों के लिए एक मिसाल बन सकता है। यह प्रोजेक्ट ‘मेक इन इंडिया’ के तहत ‘क्लास-I स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं’ को प्राथमिकता देगा। लोगों को रोजगार और सस्ते घर मिलेंगे।

यह प्रोजेक्ट ‘मेक इन इंडिया’ के तहत ‘क्लास-I स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं’ को प्राथमिकता देगा।
घर से ही सीधी-सस्ती परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी सूरत मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत, यह देश की पहली ऐसी योजना है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए मेट्रो स्टेशन के ऊपर आवास बनाए जा रहे हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य EWS वर्ग के निवासियों को उनके निवास स्थान से सीधी और सस्ती परिवहन सुविधाएं प्रदान करना है।
स्टेशन की नींव को मजबूत किया जा रहा इस अनोखी संरचना से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि दैनिक खर्च भी कम होंगे। एक्वेरियम स्टेशन पर इस दिशा में काम शुरू हो गया है और स्टेशन की नींव को और मजबूत किया जा रहा है, ताकि इसके ऊपर बहुमंजिला आवासीय निर्माण संभव हो सके।- नरेंद्र लोहिया, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, सूरत मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन
सूरत में क्या बदलेगा
- अगर लोग मेट्रो के पास रहते हैं, तो वाहनों पर निर्भरता कम होगी
- ट्रैफिक घटेगा, प्रदूषण कम होगा
- स्थानीय लोगों को रोजगार और किफायती घर मिलेंगे
- स्टेशन क्षेत्र को शहरी हब के रूप में विकसित किया जाएगा
- इस प्रोजेक्ट पर ~123.36 करोड़ खर्च होंगे, 1 टावर में 168 फ्लैट होंगे