जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग जिलों में आतंकवाद का समर्थन करने वालों के खिलाफ पुलिसिया अभियान चलाया गया. इसमें कई जिलों में ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) के 100 से अधिक घरों पर एक साथ छापेमारी की है. राज्य पुलिस की टीम कुलगाम, डोडा, राजौरी और कठुआ में एक साथ रेड की. ताबड़तोड़ छापेमारी के दौरान कठुआ जिले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों ने न्यूज़18 इंडिया से बात की.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह तलाशी अभियान उन स्थानीय व्यक्तियों के घरों तक भी पहुंचा है, जो इस समय पाकिस्तान में रहकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. यह सर्च अभियान क्षेत्र में आतंकवाद को समर्थन देने वाले नेटवर्क को ध्वस्त करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है.
पुलिस ने बताया कि आतंकवाद-रोधी अभियान के तहत, जम्मू-कश्मीर में कुलगाम पुलिस ने शनिवार को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से कथित तौर पर गतिविधियां चलाने वालों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की गई.
सूत्रों ने बताया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह कार्रवाई शुरू की गई. अधिकारियों के अनुसार, विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर कुलगाम जिले के कई हिस्सों में कई घेराबंदी और तलाशी अभियान (सीएएसओ) चलाए गए. तलाशी उन व्यक्तियों पर केंद्रित थी जिन पर आतंकवादी नेटवर्कों को सहायता प्रदान करने या उन्हें वित्तपोषित करने तथा सीमा पार स्थित अपने रिश्तेदारों के साथ संपर्क बनाए रखने का संदेह था.
एकसाथ छापेमारी के दौरान, इन जम्मू-कश्मीर नागरिकों के कई रिश्तेदारों और ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में उनकी निरंतर संलिप्तता के लिए कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें रसद सहायता प्रदान करना, प्रचार सामग्री फैलाना और आतंकवादी संगठनों के लिए भर्ती अभियान में मदद करना शामिल है. पुलिस टीमों ने डिजिटल उपकरणों और आपत्तिजनक दस्तावेजों का एक जखीरा भी जब्त किया है.
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह अभियान दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद के समर्थन ढांचों को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए चलाया जा रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे उपाय तब तक जारी रहेंगे जब तक सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले नेटवर्क को निष्प्रभावी नहीं कर दिया जाता. इस बीच, काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने भी जेलों में कैदियों की जांच की. कैदियों में अवैध मोबाइल फोन के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए कई जेलों में औचक निरीक्षण तेज कर दिया है.
सीआईके के एक अधिकारी ने पुष्टि की, ‘विशिष्ट सूचनाओं के आधार पर जेल अधिकारियों के साथ समन्वय में बैरकों और कैदियों के सामान का संयुक्त निरीक्षण किया गया, ताकि किसी भी अनधिकृत सेल फोन या विध्वंसक गतिविधियों में सहायक सामग्री का पता लगाया जा सके.’

