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बीजेपी शासित राज्यों में घुमंतू और विमुक्त जातियों को घर, रोजगार और पहचान देने की योजनाएं चल रही हैं. इससे बीजेपी नया वोट बैंक और सुरक्षा डेटा मजबूत कर रही है.

घुमंतू और विमुक्त जातियां आजादी के 78 साल बाद भी सबसे पिछड़े और उपेक्षित समुदायों में गिनी जाती हैं. इनके पास न घर है, न स्थायी पहचान. शिक्षा और स्वास्थ्य से भी ये समुदाय वंचित रहे. अब बीजेपी शासित राज्य इनकी पहचान और पुनर्वास पर जोर दे रहे हैं. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में घुमंतू परिवारों की पहचान और पुनर्वास के लिए योजना शुरू की थी. अब दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार ने वही रास्ता अपनाया है. हर परिवार को घर, रोजगार और शिक्षा के अवसर देने की बात की जा रही है.
किन-किन राज्यों में हुई ऐसी कोशिशें
गुजरात: विमुक्त जातियों के बच्चों को विशेष छात्रवृत्ति और कौशल विकास योजनाएं दी गईं.
दिल्ली: अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हर परिवार को घर देने का ऐलान किया है.
बीजेपी को क्या मिलेगा फायदा?
क्या है कोई सीक्रेट एजेंडा?
विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी की इन योजनाओं के पीछे डबल स्ट्रेटेजी है. पहला, सामाजिक न्याय और पिछड़े समुदायों को साथ लाना और दूसरा अवैध घुसपैठियों की पहचान करना. दरअसल, जब हर घुमंतू परिवार को स्थायी घर और पहचान दी जाएगी, तो स्वाभाविक है कि बाहरी घुसपैठिए फिल्टर हो जाएंगे. बीजेपी इस डेटा का इस्तेमाल सुरक्षा और जनसंख्या प्रबंधन में कर सकती है. बीजेपी नेताओं के बयान बताते हैं कि यह योजना केवल पुनर्वास तक सीमित नहीं. जब हर घुमंतू परिवार का डेटा और पहचान दर्ज होगी, तो इसमें छिपे अवैध घुसपैठिए अलग हो जाएंगे. यानी बीजेपी इस मिशन से सामाजिक कल्याण के साथ-साथ सुरक्षा और जनसंख्या प्रबंधन पर भी काम कर रही है.

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें
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